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किसी भी कंटेट को प्रमोट करने के लिए आजकल बहुत से ऐसे प्लेटफार्म हैं जिनके माध्यम से हम अपने कंटेट को अधिक से अधिक लोगों के बीच पहुंचा सकते हैं। कंटेट प्रमोट करने के लिए कई डिजिटल प्लेटफार्म हैं जिनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर, यूट्यूब, वेबसाइट, ब्लाग, SEO कीबर्डस आदि के माध्यम से कंटेट को प्रमोट कर सकते हैं। फेसबुक- किसी भी कंटेट को लिखने के बाद हम उसको फेसबुक पर पोस्ट कर प्रमोट कर सकते हैं। अगर किसी का फेसबुक अकांउट नहीं बना है तो हम फेसबुक पेज बनाकर उसको ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पंहुचा सकते हैं। यहां पर एक चीज ध्यान रखने वाली ये है कि कंटेट से रिलेटेड हैष-टैग को ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाए इससे हमारा कंटेट ट्रेंडिग में आ सकता है। ट्वीटर- फेसबुक की तरह ही ट्वीटर भी एक बहुत बड़ा शोसल नेटवर्किंग का माध्यम है। ट्वीटर के माध्यम से भी हम किसी कंटेट को प्रमोट कर सकते हैं। लेकिन ट्वीटर पर कंटेट 280 कैरेक्टर से ज्यादा का नहीं जाएगा इसके लिए हम कंटेट को किसी वेबसाइट या ब्लागर पर अपलोड कर उसका लिंक ट्वीटर पर शेयर कर सकते हैं। ट्वीटर पर भी ध्यान रखा जाए कि उस कंटेट से रिलेटेड ...
Stories....
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स्टोरी- 1 तीन बुजुर्गों ने तय किया कि वह टापू पर जाकर रहेंगे और ईश्वर (God) को याद करेंगें। तीनों बुजुर्गों ने एक नाव की और पहुंच गए टापू पर... टापू पर पहुंचकर तीनों बुजुर्गों ने नाव वाले को वापस भेज दिया और उससे कहा कि अब वह यहीं रहेंगे और हर रोज ईश्वर की उपासना करेंगे... कई साल बीत गए। तीनों बुजुर्ग बस ईश्वर की उपासना (Prayer) में व्यस्त रहते। बहुत सालों के बाद पुजारियों के एक समूह को पता चला कि तीन बुजुर्ग बिना किसी गुरू के जैसे-तैसे ईश्वर की आराधना में लीन है... साधुओं की एक टोली नाव करके उन बुजुर्गों के पास पंहुची और उनको पूजा की सही विधि बताई। तीनों बुजुर्ग बहुत खुश ( Happiness) हुए... कि उन्हे किसी ने पूजा की सही विधि बताई। इतना करने के बाद साधुओं ( Hermit) की वह टोली नाव करके वहां से चल पड़ी... वो कुछ दूर ही गए होंगे उन्होने देखा कि वो तीनों बुजुर्ग दौड़ते हुए चले आ रहे हैं। उन्हे देखकर साधुओं की टोली हैरान रह गई कि तीनों बुजुर्ग पानी की सतह पर दौड़ रहे हैं। तीनों बुजुर्ग नाव के पास पंहुचकर पानी की सतह पर खड़...
Story Analysis...
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स्टोरी 1..... हां मैं अपनी जिंदगी से खुश हूं.... स्टोरी का शीर्षक इस प्रकार है... हमें अपनी जिंदगी (Life) में चांहे जो कुछ भी किया हो, जो भी मैनें अचीवमेंट पाया है, मैंने कभी भी अपनी जिंदगी से खिलाबाड़ नहीं किया। हां मैं अपनी जिंदगी से बहुत खुश हूं क्योंकि मैने किसी काम को कल पर नहीं टाला। 1. स्टोरी टेलर (Story Teller) ने कहानी को एक फार्मेट में रखकर टेलिंग किया है। कहानी का स्क्रिप्ट क्रमासार है, सीढ़ियों के हिसाब से एक के बाद एक संटेस आ रहा है। जिससे लिसनर स्टोरी टेलर से जुड़ा रहता है। 2. स्टोरी टेलर ने बॉड़ी लैंग्वेज का काफी ध्यान रखा है। स्टोरी टेलर ने हर एक संटेश और शब्द को बॉड़ी लैंग्वेज से समझाने की कोशिश की है... जोकि काबिले तारीफ है। 3. टेलर ने कहानी के कुछ संटेस में वॉइस (Voice) को गति दे दी है जिससे शब्द इधर-उधर भागने लगे हैं। कुछ जगहों पर स्टोरी टेलर को पॉज (Pause) देना चाहिए था। 4. कहानी का स्क्रिप्ट (Script) अच्छा है... स्टोरी टेलर ने जिस तरह से ...
पत्रकारिता की शिक्षा के लिए 'जागरण इंस्टिट्यूट' देश का अव्वल कालेज
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जिस प्रकार से पत्रकारिता क्षेत्र का विस्तार होता जा रहा है. उसी तरह पत्रकारिता से जुड़े शैक्षिक संस्थान भी बढ़ते जा रहे हैं। देश के best mass communication college in India में jagran ग्रुप का jimmc noida कालेज इन्ही में से एक है। जोकि नोएडा सेक्टर 6 में स्थिति है। jagran ग्रुप का यह कालेज 2004 में बनकर तैयार हुआ था। प्राइवेट मीडिया कालेजों की तुलना में jagran institute of management and mass communication काफ़ी पुराना और शिक्षा के लिहाज़ से काफी मजबूत संस्थान है। jagran कॉलेज में देश के तमाम राज्यों से बच्चे पत्रकारिता की शिक्षा के लिए यहां पर आते हैं। dainik jagran noida मीडिया कालेज में क्रिएटिव और एक सिस्टमेटिक तरीक़े से छात्रों को निपुण किया जाता है। jagran कॉलेज से पत्रकारिता की शिक्षा पाकर आज छात्र देश के बड़े-बड़े नेशनल मीडिया चैनलों में प्रोड्यूसर , एंकर , एडिटर एवँ रिपोर्टर के पद पर कार्यरत हैं। jagran कालेज तीन तरह के कोर्स प्रोवाइड कराता है। जिनमें ग्रेजुएशन स्तर पर बीजेएमसी एवँ मास्टर स्तर प...